Mahant Balaknath कौन है? कौन बनेगा राजस्थान का CM?

कौन है Mahant Balak nath जिनकी राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं फिलहाल बहुत तेज हो गई क्यों इन्हे योगी आदित्यनाथ 2.0 कहा जा रहा है क्या है इनका योगी आदित्यनाथ के साथ रिश्ता कैसे यह नारे लगने शुरू हो गए हैं की राजतिलक की तरफ करो तैयारी आ रहे हैं भगवत हर 39 साल की उम्र में बालक नाथ कैसे राजस्थान में सबसे पॉपुलर चॉइस बन गए क्या इनकी पहचान सिर्फ एक महंत के तौर पर है

या इससे ज्यादा है क्योंकि आपको जानकर हैरानी होगी कि बालक नाथ योगी जो है वह सिर्फ एक मैथ के महंत नहीं है सियासत दान नहीं है बल्कि यूनिवर्सिटी से कुलपति है इस बार विधायक बने हैं लेकिन विधायक की के साथ-साथ वह राजस्थान के अलवर से सांसद भी है मत संप्रदाय के सेकंड सबसे पॉपुलर व्यक्ति है

mahant balak nath kon hai

बहुत सारी सिमिलरिटीज उनकी और योगी आदित्यनाथ के बीच में हो और जब अधीर रंजन चौधरी ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि यह सांसद महोदय जो है यह मुख्यमंत्री बनने वाले तो चर्चाएं और तेज हो गए फिर दिल्ली में बुलावा आया प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बुलाया और वहां गए पत्रकारों ने सवाल पूछा मुस्कुराहट में गोल-गोल जवाब दे दिया लेकिन जैसे योगी आदित्यनाथ अपने गुरु से आप मैथ की परंपराओं को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी पाते हैं उनकी सियासत को बढ़ाने की जिम्मेदारी पाते हैं वैसे ही बालक नाथ की कहानी का अंतर यह है

कि इन्होंने स्कूल अस्पताल के साथ-साथ सियासत जो है उसका दायरा बढ़ाया और अब राजस्थान में दरअसल 115 सीट बीजेपी ने जीती तो बीजेपी में सीएम उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं थी वसुंधरा राजे सिंधिया कई और बड़े नेता पुराने मंत्री जिनके बारे में चर्चाएं बहुत ज्यादा तेज है और अपने-अपने समर्थक अपनी बात करें लेकिन बालक नाथ पर नजर इसलिए आती है

क्योंकि बालक नाथ में योगी आदित्य नाथ दिखाई पड़ते हैं और 39 साल का एक व्यक्ति जो मटका महंत है यूनिवर्सिटी का कुलपति है अलवर से सांसद है तिजारा से विधायक है उसकी कहानी जब लोग सुनते हैं तो काफी सिमिलरिटीज नजर आती हो और एक भविष्य की उम्मीद नजर आती है योगी आदित्यनाथ जैसी होगी

बालक नाथ की कहानी जाने?

इस कहानी में आपको बताएंगे सब कुछ उनके बारे में 16 अप्रैल व तारीख थी जब 1984 को राजस्थान के अलवर में उनका जन्म होता है पिता जो थे उनका नाम सुभाष यादव था और धार्मिक व्यक्ति थे किसान थे फूलचंद यादव उनके दादाजी थे जो अक्सर सत्संग में जाया करते थे और महंत खेतानाथ जीते उनके शिष्य बन गए इसके बाद इनका नाम जो है वह रखा गया शुरुआत में इनका नाम बालक नाथ नहीं था बल्कि गुरमुख रखा गया था और 6 साल की उम्र से ही इन्होंने अध्यात्म की तरफ अपना कदम बढ़ा दिया था आश्रम जाने लगे थे

और वहीं से सन्यासी जीवन की परंपरा जो है उनके जीवन काल में शुरू हो गई थी यह सिमिलरिटीज इनकी योगी आदित्यनाथ की तरह है उनकी जिंदगी में बदलाव कब आया जब इन्हें बाद में महंत चंदन जी के पास भेज दिए और चरनाथ जी अपने आप में एक बड़ी शख्सियत थे पढ़े लिखे व्यक्ति राजनीतिक शख्सियत जिन्होंने अस्पताल खोले स्कूल खोले सियासत की और वहीं से गुरमुख का नाम जो है वह बदलकर बालक नाथ हो गया और बाद में जब उनकी परंपरा बालक नाथ हो गए

और बालक नाथ ने फिर आगे बहुत सारे काम किया यूनिवर्सिटी के पड़े थे उन्हें समझ थी कि महंत के साथ-साथ स्कूलों को बढ़ाना है कॉलेज को खोलना है और बहुत सारे स्कूल कॉलेज जो हैं उनके तरफ से खोलेंगे कई सारे स्कूल कॉलेज को हरियाणा सरकार ने मान्यता दी चांदनाथ जी जो है इसकी कुलपति बन गए इसके बाद रोहतक पर अस्पताल भी उनके चलते हैं हनुमानगढ़ में उनके फाइव चैरिटेबल अस्पताल चलते हैं अलवर से लोकसभा का चुनाव भी उन्होंने लड़ा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे

कौन बनेगा राजस्थान का CM?

बाद में विधायक की लड़ी और विधायक की जीते 2014 में राजस्थान के अलवर से सांसद बने बालक नाथ जी इस दौरान अपने गुरु को समर्पित थे जन्नत की लेकिन चांदनाथ जी जब 2016 में 60 साल के होते हैं तो फिर बीमारियां उनको घेर लेती है उनके गले में थ्रोट कैंसर हो जाता है और उसकी वजह से उन्होंने अपनी आश्रम की जो परंपरा थी उसका पालन करते हुए अपना शिष्य चुनाव उत्तराधिकारी चुना और सूत्र अधिकारी में इनको चुना गया जिसमें बालक नाथ जी को 2016 में उत्तराधिकारी बनाते हैं फिर 2017 में 17  सितंबर को उनकी डेथ हो जाती है

जिसके बाद पूरी विरासत ज्योति यानी स्कूल कॉलेज अस्पताल और सियासत यह सब कुछ बालक नाथ जी को इस पद को ग्रहण करने वाले थे तब उनके कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ बाबा रामदेव तमाम लोग आए थे और वहीं से इनकी शुरुआत जो है वह बढ़ती चली गई थी चांदनाथ जी के निधन के बाद न सिर्फ मटकी परंपरा महंत की परंपरा बल्कि सियासी परंपरा को भी फिर साल 2019 आया जब बालक नाथ जी को चुनाव लड़ने का मौका मिला अलवर से लोकसभा चुनाव लड़े और भारी बाल्कम वोटो से जीत के तीन लाख वोट से जीते थे

जो अपने आप में रिकॉर्ड है 7000 वोट से जीती है लेकिन लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मंत्री थे भंवर से उनको हराया था और जाहिर सी बात है कि इसमें नरेंद्र मोदी जी के लेकर जो लोकसभा चुनाव में एक अटेंशन होता वह भी फायदा मिला था लेकिन नाथ संप्रदाय से आते हैं और शहर संप्रदाय से मानता है इनकेबिखरे स्वरूप को कैसे बनता है

यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी के गुरु जो है वह भी हैं लेकिन बालक नाथ धीरे-धीरे अपनी पापुलैरिटी बढ़ते जाते हैं एक तरफ योगी आदित्यनाथ लाइव बना रहे थे दूसरी तरफ यह भी लार्जर थन लाइव बनने लगीलोकप्रियता शुरुआती दौर में रोहतक के अलावा हनुमानगढ़ जिला आश्रम में थे

पॉलिटिक्स में दिलचस्मी

लेकिन फिर धीरे-धीरे जब पॉलिटिक्स में उनकी दिलचस्पी बड़ी तो फिर अलवर में जाकर यह रहने लगे और फिलहाल दिल्ली भी उनके लिए बहुत दूर नहीं है राजस्थान के सीएम बनने की बात कही जा रही है हालांकि कई बार ये विवादों में भी रहे जैसे कि एक बार एक अधिकारी को हड़काने की बात थी डीएसपी को पुलिस थाने में घुसकर लड़का आया था काफी ज्यादा वह वीडियो और ऑडियो काफी वायरल हुआ था 2023 जनवरी कहानी है कुछ जमीन खरीदने की बात को लेकर विवाद हुआ था हालांकि विवाद पॉलिटिकल था

तो फिर उसमें हम आप पर फैसला छोड़ देते हैं क्योंकि पॉलिटिकल आ उनकी तरफ से कहा गया कि विरोधियों ने जानबूझकर लगाए यह कह रहे थे कि भाई विरोधी कह रहे थे कि गलत तरीके से जमीन हमने खरीद ली है फिर तिजारा विधानसभा सीट से जब इमरान खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने इसको इंडिया पाकिस्तान का चुनाव के लिए था कि इंडिया पाकिस्तान का मैच है और सबको मेहनत करनी पड़ेगी एक एक वोट जरूरी है छक्का मारना होगा तभी जीतेंगे सोशल मीडिया पर फिलहाल उनके बहुत ज्यादा फॉलोअर्स तो नहीं है

लेकिन फेसबुक पर साढे चार लाख इंस्टाग्राम पढ़ाई 3 लाख और ट्विटर पर डेढ़ लाख के आसपास है लेकिन अब यह फॉलोइंग बढ़ेगी क्योंकि एसीएम बनने की बात चल रही है

कितने वोटो से जीते

7 लाख वोट लोकसभा चुनाव में मिले थे विधानसभा में एक लाख 110000 वोट मिले हैं 6000 वोट से जीते हैं और संभावना इसलिए उनके मुख्यमंत्री बनने की है क्योंकि एक तो नाथ परंपरा से आते हैं तो हिंदुत्व कार्ड चलेगा क्योंकि राजस्थान में काफी कुछ हुआ था याद कीजिए वह गला काटने वाली बात जो नूपुर शर्मा केस के बाद आई थी

और बहुत सारी चीज सो हरियाणा राजस्थान इस्तेमाल में इलाकों में इनके मैथ का प्रभाव है दूसरा मुझे लगता है कि योगी आदित्यनाथ की सेंट्रल लीडरशिप से बनती नहीं है ऐसे में एक बैकअप प्लान एक बैकअप नेता जो है वह बीजेपी तैयार करना चाहेगी हालांकि इनमें योगी में डिफरेंस किया कि योगी जी कास्ट से आते हैं वो ठाकुर बिरादरी यह जिसका से आते हैं वो यादव बिरादरी है लेकिन ना देखते हैं वसुंधरा राजे सिंधिया के पास भी अच्छे विधायक हैं लेकिन फिलहाल उनकी चर्चा काफी ज्यादा इनके बारे में हम आपको बताएं कौन है योगी बालक नाथ जिन्हें लोग योगी आदित्यनाथ 2.0 भी कहते हैं

Leave a comment