इंडिया vs साउथ अफ्रीका मैच में साउथ अफ्रीका केवल 95 रनों पर ऑल आउट हो जाती है 106 रन से इंडिया की जीत होती है इंडिया तमाम भारी भरकम रिकॉर्ड बनती है कुलदीप यादव आते हैं 9 ओवर के बाद जो पांच विकेट ले जाते हैं जडेजा को दो विकेट मिलता है इंडियन बॉलर छाए होते हैं हेडलाइंस में खबर बनती है 1-1 सीरीज बराबर लेकिन मेरे जेहन में एक सवाल आता है
कि यह हैडलाइन बदल सकती थी यह खबर दूसरी तरीके से आ सकती थी इंडिया दो जीरो से सीरीज हार सकती थी वह जो 1:1 में इंडिया का डोमिनेंस दिख रहा है वह एक तरफ हो सकता था अगर डेविड मिलर कमाल कर जाते और यह कमल इसलिए कर जाते क्योंकि डेविड मिलर को एक ऐसा जीवन दान दिया गया जिसकी एक्सेप्टेंस इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं हो सकती है हम आपको बता दें कि रविंद्र जडेजा इस मैच में गेंदबाजी कर रहे थे जडेजा ने मकरम को आउट कर दिया था
Miller Out होकर भी Not-Out
और मकरम के आउट करने के बाद डेबिट मिलर बल्लेबाजी करने आए थे डेविड मिलर को हम सब जानते हैं कितने खतरनाक बल्लेबाज हैं उन्होंने आते ही एक दो छक्का मारा और ऐसा लगा कि यार मैच जो है वो पलटने वाला है और मिलर का कर जो है वह देखने वाला है मिलर वैसे भी किलर मिलर के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन सर्टेनली एक बॉल होती है
जो पाठ में लगती है गेंदबाजी करते हैं मिलर के बाद में लगती है और कैच जो है वह जितेश शर्मा पढ़ते अपील होती है साफ-साफ लेकिन अंपायर मानो कान में मोती से हुई घुसेड के बैठे थे और उसे हुई घुसेड देंगे होता है कि मिलर को आउट होने के बावजूद नॉट आउट दिया था आपके शहर में सवाल हुआ यार अगर ऐसा कुछ हुआ था तो फिर DRS लेना चाहिए था लेकिन असली खेल यहीं पर होता है कि DRS अवेलेबल नहीं होता है और यही से इंडियन फैंस जो है इंडिया के जो प्लेयर्स है वह पैनिक करने लगते हैं
क्या बेवकूफी ऐसा कैसे हो सकता है इंटरनेशनल मैच में की साफ-साफ सुनाई पड़ रहा है की बाल जो है वह लगी है विकेटकीपर छाती पीठ का चिल्ला रहा है बॉलर छाती पर चल रहा है और अंपायर को क्यों नहीं दिखाई पड़ रहा है राहुल द्रविड़ वहां से कह रहे थे जडेजा वहां से कह रहे थे और सवाल बहुत सारे शुरू होंगे की क्या साउथ अफ्रीका का स्ट्रक्चर जो है वह इतना कमजोर है कि और DRS उनके पास अवेलेबल नहीं है क्योंकि कहा गया की मशीन जो है वह रीस्टार्ट हो रही है अब चलते मैच मशीन रीस्टार्ट क्यों होती है
DRS अवेलेबल क्यों नहीं था
यह मेरी समझ में नहीं है और कौन सी मशीन जितनी देरी स्टार्ट होती है यह पॉइंट था दूसरा बिंदु यह था कि अगर DRS अवेलेबल नहीं था तो क्या उसके अल्टरनेटिव नहीं होने चाहिए क्योंकि इस मैच में इंडिया की अगर हर हो जाती तो शायद सबसे बड़ा मूवमेंट ये ही होता या इसको लेकर कई और तरह से सवाल खड़े होते इस मैच को लेकर बवाल खड़ा होता कि यार ऐसा क्यों हो गया यह क्या लॉजिक था और यह सवाल मेरे जैन में इसलिए भी आता है क्योंकि इसी मैच में इसी ओवर में आखिरी दरअसल DRS अवेलेबल नहीं था
तो जब सूर्यकुमार यादव ने बाउंड्री लाइन से सूर्य को चोट लग गई थी उनके अंकल गया था और उसके बाद उन्होंने उठा कर ले जाया गया बैठाया गया बाद में बाहर से मैच जडेजा जो है वाइस कैप्टन से कप्तान बन गए थे मैच में कप्तानी कर रहे थे गेंदबाजी कर रहे थे लेकिन बाहर से सूर्य चिल्ला रहे थे यार DRS लो और अंदर जडेजा अवेलेबल है ही नहीं थर्ड अंपायर वाले साहब और यही सवाल रहा था लेकिन इसी ओवर की लास्ट बॉल पर एक रिप्ले दिखाया जाता है
इरफान पठान ने क्या कहा?
और जैसे ही रिप्ले दिखाया जाता है कंट्री करें इरफान पठान चीक पढ़ते हैं भाई साहब यह तो इतना मोटा एज था अंपायर कैसे मतलब इस तरह से कह सकता है और फिर मेरे जेहन में सवाल किया है कि अगर आपके पास DRS अवेलेबल नहीं था उसे वक्त तो क्या इसका रिप्लाई हम नहीं देख सकते थे मतलब यह तो बेसिक चीज है ना क्यों में अपना रिप्ले दिखाए DRS में आप दिखा दो की लागत नहीं रहता बट अगर आपके पास DRS अवेलेबल नहीं है और आप थर्ड अंपायर को रिकमेंड करते हो कि प्लीज आप रिप्लाई देखिए आप अपने विवेक से फैसला कीजिए
क्योंकि टीम के पास दिया दो आउट DRS मौजूद है जिसे वह ले सकते हैं और बहुत इंपैक्टफुल प्लेयर है T20 मैचेस में डेविड मिलर जैसा प्लेयर अगर दोबारा जीवनदान पता है तो वह मैच पलट सकता है तो क्या यह नहीं सिस्टम होना चाहिए था क्या इतना अपडेटेड सिस्टम की आप यह ऐलान कर दें कि आरडीआरएस अवेलेबल ही नहीं है आप जो चाहे वह कर लीजिए यह मेरी समझ से पड़े तो और मुझे यह बहुत परेशान और एक सवाल यहां पर मिलर को लेकर भी क्या डेविड मिलर जो है वो इतने सीनियर प्लेयर है
और क्या उनको खुद चुपचाप वहां से चल रही है चिता मतलब ठीक है यार डेविड मिलर मतलब यह होता है हमने देखा खिलाड़ियों का बड़े प्लेयर कई सारे एडम बिल्कुल सूखी कई बार देखा हमने तो यह भी आप सवाल जो है यह अपने आप में बड़ा मौजूद है कि यार पिछले मैच में और वह फील्ड का था यार आउटफील्ड सुखाने का उनके पास कुछ नहीं था गेंद जाती थी गली होकर आई थी और इंडिया परेशान थी और योर इंडिया परेशान थी और आपकी कल्पना कीजिए कि इंडिया में मैच हो रहा हूं
अगर ये इंडिया करती तो क्या होता?
यही कहानी अगर इंडिया के साथ होती की इंडिया की किसी प्लेयर को नॉट आउट मिलने पूरी दुनिया ने क्रिकेट फैंस जो है वो छाप देते जी इंडिया जो है वह बेईमानी करता है इंडिया ने वर्ल्ड क्रिकेट तो खरीद रखा है जी इंडिया ने यह कर रखा है इंडिया ने वह कर रखा है बट इस खबर को सारे क्रिकेट प्रेमियों ने बड़ी मासूमियत से गायब कर दिया
और अंपायर महोदय इतने होशियार है कि ना उन्होंने लेग अंपायर से कंसल्ट किया भाई दो अंपायर हो यार अगर DRS मौजूद नहीं है कम से कम आप दोनों आपस में कंसल्ट कर लो आप आगे नहीं देख सकते हो आप रिव्यू देख लो की बॉल बैट के करीब से गई थी वह गेम परी दिखती है कि बाल गई
और ऐसे मूर्ति तिरछा के और आउट होता है हालांकि बाद में या आउट हो जाते हैं डेबिट मिलर को आखिरी में बोर्ड मार दिया कुलदीप यादव ने लेकिन फिर वही कहानी की और यह बहुत बड़ी बेईमानी थी और इस बेमानी का असर यह की साउथ अफ्रीका जैसे तैसे पांचवें तक पहुंच गई अगर वहां पर शायद वो विकेट गिरता तो फिर डेविड मिलर आप बहुत जल्दी आउट होते हैं आपको क्या लगता है कि यह गलत है या नहीं